रांची। धनबाद के जज उत्तम आनंद हत्याकांड मामले में सीबीआई की ओर से दायर चार्जशीट में कई खुलासे हुए हैं। सूत्रों ने बताया कि 28 जुलाई की सुबह 5:08 बजे जब ऑटो से जज को ठोकर मारी गई, उस समय चालक लखन वर्मा और उसका सहयोगी राहुल वर्मा पूरे होशो हवास में था। सीबीआई जांच से पूर्व पुलिस जांच में यह बात सामने आई थी कि ठोकर मारने से पूर्व लखन और राहुल ने धनबाद स्टेशन रोड पर जमकर शराब पी थी। इसके बाद नशे की गोली भी ली थी।
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई ने चार्जशीट में सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री, नई दिल्ली के केमिस्ट्री डिवीजन की रिपोर्ट के आधार पर दावा किया है कि लखन और राहुल के खून तथा मूत्र की रिपोर्ट नेगेटिव मिली है। जज को टक्कर मारने के दौरान दोनों नशे में नहीं थे। दोनों की मानसिक स्थिति भी ठीक थी। दोनों ने पूरे होशो हवास में चुराए गए ऑटों से टक्कर मारकर जज की जान ली थी।
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सीबीआई की ओर से दायर चार्जशीट में सीएफएसएल, नई दिल्ली में लखन और राहुल की फॉरेंसिक साइकोलॉजिकल एसेसमेंट और फॉरेंसिक स्टेटमेंट एनालिसिस में स्पष्ट हुआ है कि जज को ठोकर दुर्घटना से नहीं लगी। दोनों ने जानबूझकर टक्कर मारी। जज को ठोकर मारने के लिए ऑटो की स्टेरिंग घुमाई और फिर टक्कर मारने के बाद स्टेरिंग सीधी कर आगे बढ़ाई गई । आरोपितों ने टेस्ट में भी टक्कर मारने की बात कबूली है। चार्ज सीट के अनुसार बिग बॉडी में रामदेव लोहार का ऑटो चुराकर दोनों बलियापुर गए। वहां ऑटो के आगे का नंबर प्लेट खींचकर मिटा दिया, जबकि पीछे का नंबर प्लेट तोड़कर फेंक दिया।
जांच में नंबर प्लेट को बरामद किया गया। इरादतन मर्डर वेपन को छुपाने और साक्ष्य नष्ट करने का प्रयास किया गया। इसी कारण कोर्ट में अलग से आवेदन देकर आरोपितों पर साक्ष्य छुपाने की धारा 201 भी जोड़ी गई। चार्जसीट में धनबाद एसएसपी संजीव कुमार, सिटी एसपी राम कुमार समेत कई डीएसपी थानेदार डॉक्टर और आम लोगों को गवाह बनाया गया है। कुल 169 गवाहों के नाम सौंपे गए। ऑटो की जांच धनबाद एनबीआई से कराई जांच में ऑटो को दुरूस्त पाया गया। ऑटो में कोई खराबी नहीं थी, ऐसा कुछ नहीं हुआ था जिस कारण से अपने आप ऑटो की स्टेरिंग फेल हुई हो।
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उल्लेखनीय है कि बीते 22 अक्टूबर को झारखंड हाईकोर्ट ने उक्त मामले में सीबीआई की ओर से चार्जशीट दाखिल करने पर नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने सीबीआई को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने दुख भरे लहजे में कहा था कि यह मामला ”मिस्ट्री अनएक्सप्लेन्ड” की ओर बढ़ रहा है। इतना ही नहीं, कोर्ट ने सीबीआई की दायर चार्जशीट पर भी कड़ी नाराजगी जताई। कोर्ट ने सीबीआई के निदेशक को सम्मन जारी करते हुए अगली सुनवाई में वर्चुअल माध्यम से अदालत के समक्ष हाजिर होने का निर्देश दिया था।
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